लेखनी प्रतियोगिता -05-Oct-2022 जीवन एक सर्कस है
शीर्षक- जिंदगी हैं एक सर्कस
जिंदगी हैं एक सर्कस ,
जिसका नहीं कोई तर्क ।
जिंदगी की डोर,
नहीं होता कोई क्षोर,
सर्कस होता जिंदगी का हर मोड़।
जिंदगी है एक सर्कस,
रिंग मास्टर है भगवन,
कराता है हमसे करतब।
कभी सुख तो कभी दुःख,
जिंदगी में आता रहता यह रुख,
हर रोज दिखाता नया रूप।
कभी इंद्रधनुष जैसा होता जीवन,
कभी बादल जैसा होता रंगहीन,
यही हैं जिंदगी की सीख।
कभी कोई देता साथ,
कभी कोई देता दगा,
यही है जिंदगी के सर्कस का नजारा।
जिंदगी है सर्कस,
सर्कस में दिखाते हैं रोज करतब,
कब खत्म होगा जिंदगी का सर्कस।
नई सुबह की तरह,
जीवन होता उदय,
नई किरण की ओर होता कदम।
जब होता सूर्य अस्त,
ऐसे ही होता जीवन का अंत
इसलिए जीवन एक सर्कस।
"ना मृत्यु को पता,
ना जन्म का पता,
पता तो बस इतना,
करो सबका भला,
लो जिंदगी का मजा।"
आँचल सोनी 'हिया'
07-Oct-2022 10:33 PM
Nice 👍
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Milind salve
07-Oct-2022 05:17 PM
बहुत खूब
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Suryansh
07-Oct-2022 08:18 AM
बहुत ही उम्दा और सशक्त रचना
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